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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

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Wednesday 6 June 2012

व्यवस्था परिवर्तन का समय आ गया है (The time has come to change the system)

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व्यवस्था परिवर्तन का समय आ गया है
भ्रष्टाचार पूरी तरह छा गया है

मुनाफाखोरी की बीमारी लगी सभी को
महंगाई से जनता त्रस्त हो गई तभी तो
न्याय मिलने में देरी हो रही है
राष्ट्रिय संपत्ति चोरी हो रही है
व्यवस्था परिवर्तन का समय आ गया है
भ्रष्टाचार पूरी तरह छा गया है

सडको का हाल बेहाल है
दूर दूर तक न कोई अस्पताल है
सरकार आँखे मूंदे बैठी है
चोरो का अड्डा तो पुलिस चौकी है
व्यवस्था परिवर्तन का समय आ गया है
भ्रष्टाचार पूरी तरह छा गया है

नौकरशाही सब पे भारी है
हर एक को रिश्वतखोरी की बीमारी है  
भ्रष्ट लोगो के खिलाफ जो आवाज़ उठाता है
बहुत जल्दी ही आवाज़ दबा दिया  जाता है
व्यवस्था परिवर्तन का समय आ गया है
भ्रष्टाचार पूरी तरह छा गया है

Saturday 2 June 2012

जन लोकपाल बिल(Jan Lokpal Bill)

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भ्रष्टाचार की फैली महामारी है
हर एक को रिश्वत लेने या देने की बीमारी है
कब होगा भारत भ्रष्टाचार मुक्त
समय आ गया है जब सब हो जाये एकजुट
अब तो ऐसे भारत का निर्माण होगा
जिसमे भ्रष्टाचार का न नामोनिशान होगा
पहले व्यवस्था परिवर्तन लाना है
जनलोकपाल बिल पास कराना है
लोकपाल को सबके ऊपर बिठाना है
हर भ्रष्टाचारी को जेल के अंदर पहुचाना है
भ्रष्टाचारियो को मिलने लगेगी कड़ी सजा
फिर न देगा कोई किसी को दगा
इसलिए आओ हम सब मिलकर लगाये ये नारा
जन लोकपाल बिल पास हो हमारा

कालाधन (Black Money)

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कालाधन  अगर  वापस  आएगा
तो  देश  फिर  से  सोने  की  चिड़िया  कहलायेगा 
प्रगति  की  राह  में  बढ़ता  चला  जायेगा 
महंगाई  भी  स्थिर  हो  जायेगा 
सबको  रोजगार  भी  मिल  जायेगा 
कालाधन  अगर  वापस  आएगा
तो  देश  फिर  से  सोने  की  चिड़िया  कहलायेगा
कही  से  भी  न  ऋण  लेना  होगा
किसी  को  न  टैक्स  देना  होगा
आधारभूत  संरचना  होगी  मजबूत
मिलेगा  जो  हमें  धन  अकूत
कालाधन  अगर  वापस  आएगा
तो  देश  फिर  से  सोने  की  चिड़िया  कहलायेगा
निर्यात  फिर  बढ़ने  लगेगा
आयात भी घटने  लगेगा
फिर  न  रहेगा  कोई  गरीब
हर  हाथ  को  काम  होगा  नसीब
कालाधन  अगर  वापस  आएगा
तो  देश  फिर  से  सोने  की  चिड़िया  कहलायेगा
सड़के  हमारी  भी  चमकेंगी
आईने  की  तरह  झलकेंगी
भुखमरी से  न  होगी  मौत
संसाधनों  का  होगा  भरपूर  उपयोग
कालाधन  अगर  वापस  आएगा
तो  देश  फिर  से  सोने  की  चिड़िया  कहलायेगा 

Friday 1 June 2012

रिश्वतखोरों को न दो तुम पुरस्कार (Don't Give Prize To Bribe-takers)

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रिश्वतखोरो को न दो तुम पुरस्कार
सब मिलकर करो इनका बहिष्कार
कर रहे ये भ्रष्टाचारी भारत को बीमार
इनको तो करना है अब लाचार
तब जाके होगा भारत का उध्दार
भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना होगा साकार
रिश्वतखोरो को न दो तुम पुरस्कार
सब मिलकर करो इनका बहिष्कार
बढ रहा ये भ्रष्टाचार
ले रहा बड़ा आकार
कुछ दिनों में हो जायेगा दैत्याकार
मत करो तुम इन बेईमानो को स्वीकार
रिश्वतखोरो को न दो तुम पुरस्कार 
सब मिलकर करो इनका बहिष्कार
दीमक की तरह खाय जा रहा ये भ्रष्टाचार
महंगाई बढ रही लगातार
मचा रहा जो ये हाहाकार
कर दो तुम इनको निराधार
रिश्वतखोरो को न दो तुम पुरस्कार
सब मिलकर करो इनका बहिष्कार


अगर भ्रष्टाचार को करना है ख़तम ( If Corruption is to eliminate)

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अगर भ्रष्टाचार को करना है ख़तम
तो लेनी होगी हम सबको ये कसम
की न रिश्वत लेंगे और न देंगे हम
मैंने तो ये ठानी है
रोकनी भ्रष्टाचारियो की मनमानी है
फिर बनने वाली एक कहानी है
इनको रोकते हुए जान तो मेरी जानी है
ये जानते हुए भी मै न रुकुंगा
भ्रष्टाचार को ख़त्म कर के रहूँगा
अब न मै कोई जुल्म सहूंगा
और न किसी को सहने दूंगा
इसके लिए हम सब को जागना पड़ेगा
रिश्वत देने की आदत को त्यागना पड़ेगा
सच्चा देशभक्त बनना पड़ेगा
हर बुराई से लड़ना पड़ेगा
तब जाके ख़त्म होगा ये भ्रष्टाचार
फिर न किसी पे होगा अत्याचार
आओ मिलकर करे पुकार
बंद करो ये भ्रष्टाचार
बंद करो ये भ्रष्टचार

Wednesday 30 May 2012

मुझे गुस्सा क्यों आता है (Why I Get Angry)

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देश की हालत देखकर 
मुझे गुस्सा क्यों आता है 
ऊपर से जब किसी काम के लिए 
दस रूपये भेजा जाता है 
नीचे पहुचते पहुचते 
दस पैसे क्यों हो जाता है 
खुद के काम के लिए 
रिश्वत क्यों लिया जाता है 
देश की हालत देखकर 
मुझे गुस्सा क्यों आता है
न्याय के लिए चक्कर
काटने क्यों पड़ते है
गोदामों में रखे हुए
अनाज क्यों सड़ते है
किसानो से भी ज्यादा
मुनाफाखोर क्यों कमाता है
देश की हालत देखकर 
मुझे गुस्सा क्यों आता है
भ्रष्टाचारियो को सजा
क्यों नहीं मिल पाती
भारत तेजी से तरक्की
क्यों नहीं कर पाती
महंगाई हर चार दिन में
क्यों बढ़ जाता है
देश की हालत देखकर 
मुझे गुस्सा क्यों आता है
वोट डालते वक़्त जनता
अक्ल क्यों नहीं लड़ाती है 
 मुजरिमों को संसद में
क्यों पहुचाती है
बेरोजगारों को रोजगार
क्यों नहीं मिल पाता है
देश की हालत देखकर 
मुझे गुस्सा क्यों आता है
कई गरीब रात में
भूखा क्यों सो जाता है
बार बार शेयर मार्केट हमारा 
क्यों गिर जाता है 
जनसँख्या हमारी तेजी से 
क्यों बढ़ जाता है 
देश की हालत देखकर 
मुझे गुस्सा क्यों आता है
भारत ओलंपिक में कोई
मेडल क्यों नहीं पाता है
क्रिकेट के खेल को इतना
बढ़ावा क्यों दिया जाता है
हाकी के खेल को हरकोई
क्यों नहीं अपनाता है
देश की हालत देखकर 
मुझे गुस्सा क्यों आता है   
 

Friday 25 May 2012

देश की हालत

3 comments:
देख वतन का हाल
बहती है अश्क की धार
जनता को ही लुट रही
जनता की चुनी सरकार

अपराधियों से भरी संसद
कानून दिखती लाचार
रिश्वत की लत लगी सभी को
हर ओर फैला भ्रष्टाचार

चोर पुलिस है भाई भाई
आम जनता सहती अत्याचार
ईमानदारों का मुँह है बंद
बेईमानों को मिलता पुरुस्कार

जिसने भरा सबका पेट
वो सहता महंगाई की मार
अमीरों के साथ है दुनियां
गरीब हो गए है निराधार

छीन किसानों की जमीनें
हो गए कई मालदार
जिसने की आवाज़ बुलंद
पहुँच जाता है वो कारागार

Thursday 17 May 2012

मेरी कविता(My Poem)

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ज़िन्दगी में एक लहर सी उठी है
कुछ नया करने का मन में ठनी है
कविता लिखने का ख्याल मन में आया है
पर दिमाग में हर तरफ अँधेरा छाया है
सोच रहा हु क्या लिखू ?
अपने या देश के बारे में कुछ कहू ?
देश हमेशा ही मुझसे बड़ा है
मन में बहुत से सवाल खड़ा है
महंगाई से जनता हो गई है त्रस्त
नेता और प्रशासन हो गए है पस्त
भ्रष्टाचार चारो ओर फैला है
हो रहा भारत माँ का आंचल मैला है
एक तरफ बेरोजगारी लोगो की जान ले रही है
दूसरी तरफ नेताओ और अफसरों के घर भंडार भरी पड़ी है
किसान कड़ी मेहनत के बाद जो कमाता है
मुनाफाखोर उससे दुगुना ले जाता है
मजदुर अपनी मजदूरी बढाने  के लिए रो रहा है
क्योकि थोड़ी से पैसो से खर्च पूरा नहीं हो रहा है
लेकिन मालिक तो मज़े से सो रहा है

Wednesday 16 May 2012

भ्रष्ट नेता और अफसर (Corrupt politician and Officer )

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भ्रष्ट नेता  और  अफसरों  ने  सड़को का  ऐसा  किया  है  काम
बड़े  बड़े  गड्डे रहते  है  इसमें  और  लगा  रहता  है  जाम
बिना  काम  किये  पाए  ये  इनाम
जो  इनके  खिलाफ  बोले  करते  ये  उसे  बदनाम
भ्रष्ट  अफसरों  और  नेताओ  पर  अगर  कसी जाये  लगाम
पूरे  भारत  से  हो  जाये  भ्रष्टाचार  का  काम  तमाम
कोई  न  कर्मचारी  फिर  रहेगा  बेलगाम
समय  से  पूरे  होंगे  सारे  काम
पुकारे भारत  का  हर  एक  अवाम
भ्रष्टाचार  का  न  रहे  नामो निशान